भारत में इलेक्ट्रिक कारों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन चेक ऑटोमोबाइल निर्माता Skoda अब भी सोच-समझकर कदम बढ़ा रही है। कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने साफ किया है कि भारत में स्कोडा की पहली लोकल मैन्युफैक्चर्ड इलेक्ट्रिक कार आने में अभी लगभग दो साल का समय लग सकता है।
योजना
Skoda के इंडिया डिवीजन के ब्रांड डायरेक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि कंपनी अप्रैल 2027 से मार्च 2028 के बीच अपनी पहली भारतीय इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि तब तक भारत में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और लोकल सप्लाई चेन काफी मजबूत हो जाएगी, जिससे इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन और बिक्री आसान होगी। गुप्ता ने यह भी जोड़ा कि Skoda जल्दबाज़ी में कोई कदम नहीं उठाना चाहती। कंपनी चाहती है कि भारतीय बाजार के लिए पहले मजबूत लोकल इकोसिस्टम तैयार किया जाए ताकि EV सेगमेंट में टिकाऊ सफलता मिल सके।
मौजूदा स्थिति
फिलहाल Skoda अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीन इलेक्ट्रिक कारें बेच रही है और अगले साल तक इस संख्या को पांच तक बढ़ाने की योजना बना रही है। लेकिन भारत में कंपनी फिलहाल EVs को लेकर उतनी आक्रामक नहीं दिख रही। दरअसल, भारत में Skoda फिलहाल अपने तीन लोकप्रिय मॉडल्स — Kushaq, Slavia और Kylaq — पर फोकस कर रही है, जो MQB A0 IN प्लेटफॉर्म पर आधारित हैं। ये कारें स्कोडा के इंडिया 2.0 प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जिसने कंपनी को भारतीय बाजार में दोबारा मज़बूत स्थिति दिलाई है।
निवेश
हाल ही में Reuters की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि Volkswagen Group (जो स्कोडा की पैरेंट कंपनी है) भारत में निवेश बढ़ाना चाहता है, लेकिन नीतिगत अनिश्चितता और बढ़ती प्रतिस्पर्धा उसे रोक रही है। हालांकि, इससे पहले जून 2025 में, The Economic Times ने रिपोर्ट किया था कि Volkswagen Group ने भारत में 1 बिलियन यूरो (करीब ₹9,000 करोड़) के अतिरिक्त निवेश को मंजूरी दी है। यह निवेश स्कोडा के India 3.0 प्रोजेक्ट के तहत होगा, जिसमें नए इंजन (ICE) और पूरी तरह इलेक्ट्रिक मॉडल शामिल किए जाएंगे।

संकेत
हालांकि Skoda ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है कि भारत में कौन-सी नई EV लॉन्च होगी, लेकिन कंपनी के पूर्व ब्रांड डायरेक्टर पेट्र जानेबा (Petr Janeba) ने पहले ही इस पर कुछ इशारे दे दिए थे। उन्होंने इस साल की शुरुआत में कहा था कि स्कोडा की पहली ‘मेड इन इंडिया’ इलेक्ट्रिक कार पूरी तरह भारत के लिए यूनिक मॉडल होगी। उन्होंने बताया कि इसका डिज़ाइन व डेवलपमेंट कार्य पहले से चल रहा है, और यह कार लगभग 4.5 मीटर लंबी होगी।
बैटरी
जानेबा ने यह भी खुलासा किया था कि इस भारत में बनी इलेक्ट्रिक कार में दो अलग-अलग बैटरी पैक विकल्प दिए जाएंगे। इसका मतलब यह होगा कि कंपनी एक ऐसा मॉडल तैयार करना चाहती है जो शहरी ग्राहकों के लिए किफायती भी हो और लॉन्ग रेंज चाहने वालों के लिए प्रीमियम विकल्प भी दे सके।
पहला बैटरी वेरिएंट उन ग्राहकों के लिए होगा जो ज्यादातर शहरों में ड्राइव करते हैं और कम रेंज से काम चला सकते हैं, जबकि दूसरा बैटरी पैक लंबी दूरी तय करने वालों के लिए अधिक क्षमता वाला होगा।
डिज़ाइन
Skoda का कहना है कि उनकी आने वाली भारतीय EV का डिज़ाइन पूरी तरह स्थानीय जरूरतों और ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। इसकी लंबाई और प्रपोर्शन को देखते हुए यह कार मिड-साइज़ SUV श्रेणी में आ सकती है। संभावना है कि कंपनी इसे Skoda Epiq नाम से बाजार में उतारे, क्योंकि कंपनी पहले से इस नाम पर काम कर रही है। हाल ही में इसके कॉनसेप्ट मॉडल की कुछ झलकियां भी सामने आई थीं, जिनमें SUV जैसी ऊंचाई और फ्यूचरिस्टिक हेडलाइट डिज़ाइन देखा गया था।
परीक्षण
Skoda ने भारत में Enyaq नाम की अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार का परीक्षण पहले ही शुरू कर दिया था। यह मॉडल भारत में 2022 में देखा गया था, और कंपनी ने इसे Bharat Mobility Expo 2024 में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित भी किया। Enyaq का एक कूपे वर्जन भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उपलब्ध है। इस मॉडल ने भारत में स्कोडा की EV रणनीति के पहले चरण की झलक दिखाई थी।
प्रदर्शनी
कंपनी ने Bharat Mobility Global Expo 2025 में अपनी नई EV Skoda Elroq को भी दिखाया। यह मॉडल Enyaq से थोड़ी छोटी लेकिन स्टाइलिश SUV है, जो यूरोप में जल्द लॉन्च होगी। इसी कार्यक्रम में पेट्र जानेबा ने Acko Drive से बातचीत में कहा था कि स्कोडा भारत में अपनी दो या तीन मौजूदा ग्लोबल EVs को सितंबर तक सीमित संख्या में इंपोर्ट के तौर पर लाने की सोच रही है।

नीति
हालांकि अब ऐसा लगता है कि कंपनी ने इन योजनाओं को फिलहाल रोक दिया है, क्योंकि स्कोडा EU-India FTA (Free Trade Agreement) के नतीजों का इंतज़ार कर रही है। अगर यह समझौता स्कोडा के पक्ष में जाता है, तो कंपनी को भारत में अपने यूरोपीय EVs को कम कीमत पर इंपोर्ट करने में मदद मिलेगी। यही वजह है कि स्कोडा इस नीति को लेकर काफी सतर्क रुख अपना रही है।
रणनीति
Skoda का मानना है कि भारत में EV का भविष्य तभी मजबूत हो सकता है जब चार्जिंग नेटवर्क और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग दोनों का विस्तार हो। इसी कारण कंपनी ने फिलहाल लोकल प्रोडक्शन को 2027-28 तक टाल दिया है। तब तक भारत में EV इन्फ्रास्ट्रक्चर काफी विकसित हो जाएगा और लोकल सप्लायर्स के साथ पार्टनरशिप के अवसर भी बढ़ेंगे।
बाजार
भारतीय EV बाजार में फिलहाल Tata Motors, Mahindra और MG Motor जैसी कंपनियां सबसे आगे हैं। Tata Nexon EV और Tiago EV जैसी कारें पहले से बाजार में लोकप्रिय हैं। स्कोडा को इन भारतीय कंपनियों से मुकाबला करने के लिए किफायती और हाई-रेंज EV लॉन्च करनी होगी। कंपनी के अनुसार, उसका लक्ष्य भारतीय उपभोक्ताओं को एक ऐसी इलेक्ट्रिक SUV देना है जो यूरोपियन क्वालिटी और भारतीय जरूरतों का मेल हो।
भविष्य
Skoda की आगामी EV न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारत के लिए भी एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे भारतीय बाजार में यूरोपियन EV तकनीक की पहुंच और भी गहरी होगी। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो 2027 तक स्कोडा भारत में पहली “मेड इन इंडिया” इलेक्ट्रिक SUV लॉन्च कर सकती है, जो भारत के EV मिशन को नई रफ़्तार देगी।
Skoda की रणनीति साफ है धीरे चलो लेकिन पक्के कदमों से। कंपनी पहले इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन को मजबूत करना चाहती है, फिर EV लॉन्च करना। 2027-28 तक जब चार्जिंग स्टेशन, बैटरी सप्लायर्स और लोकल पार्टनर्स की संख्या बढ़ जाएगी, तब स्कोडा भारतीय बाजार में पूरी तैयारी के साथ एंट्री लेगी। अगर ऐसा हुआ तो आने वाले समय में Tata और Mahindra को एक नए यूरोपियन प्रतिद्वंद्वी से कड़ी टक्कर मिल सकती है।